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डॉ.एस राधाकृष्णन |
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राष्ट्रीय ध्वज |
राष्ट्रिय ध्वज के रंग एवं चक्र के महत्त्व को डॉ.एस राधाकृष्णन ने संविधान सभा, जिसने राष्ट्रीय ध्वज को सर्वसम्मति से स्वीकार किया, के समक्ष विस्तृत रूप से वर्णित किया था। डॉ. एस. राधाकृष्णन के अनुसार- "भगवाँ या केसरिया रंग त्याग एवम् निष्पक्षता को निर्दिष्ट करता है। हमारे नेतागण भौतिक लाभों के प्रति विरक्त होकर स्वयं के कर्तव्यों के प्रति समर्पित होनें चाहिए। मध्य में जो सफेद है वो प्रकाश है, हमारे आचरण को मार्गदर्शित करने वाला सत्य का मार्ग है। हरा मिट्टी के साथ हमारे संबंध को दिखाता है, पौधों के जीवन के साथ हमारे संबंध को दिखता है जिस पर अन्य सभी के जीवन निर्भर हैं | अशोक चक्र सफेद के मध्य में है, धर्म की सत्ता का चक्र है। इस झंडे के नीचे जो काम करते हैं उनके नियंत्रण लिए सत्य और धर्म के सिद्धांत होने चाहिए। ये चक्र गति का संकेतक है। स्थिरता मृत्यु (समान) है, जीवन में गति है। भारत को और अधिक बदलाव को रोकना नही चाहिए, यह गतिमान होकर आगे ही बढ़ेगा। चक्र शांतिपूर्वक बदलाव की गतिशीलता का प्रतिनिधित्व करता है।"- Abstracted from -Flag Code of India (Original text is in English. Here translated by Priyadarshan Shastri)
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