जब से कोयला घोटाला सामने आया है तब से एक शब्द मीडिया पर सुनने में बहुत आ रहा है- CAG अर्थात Comptroller and Auditor General (CAG) of India. हिन्दी में इन्हें "भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक" कहते हैं। इसी स्वायत्त संवैधानिक संस्था की बदौलत देश कोयला घोटाले से रूबरू हो सका है। संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ भीमराव आंबेडकर के अनुसार- "नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का पद हमारे संविधान के अंतर्गत सबसे महत्त्वपूर्ण पद होगा वह सार्वजानिक धन का संरक्षक होगा और उसका ये कर्तव्य होगा कि वह यह देखे कि राज्य की संचित निधि में से समुचित विधानमंडल के प्राधिकार के बिना एक पैसा भी न खर्च न हो। वह अपने कर्तव्यो का निर्वहन समुचित रूप से कर सके इसके लिए आवश्यक है कि उसका पद कार्यपालिका (सरकार) के अधीनस्थ एवं नियंत्रण में नहीं रहना चाहिए।" आइये इस संस्था के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करें।
जिस प्रकार चुनाव आयोग या न्यायपालिका हमारे देश के संविधान के अंतर्गत स्वतन्त्र एवं स्वायत्त संस्थाएं हैं उसी प्रकार CAG भी संविधान के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है। नियंत्रक-महालेखा परीक्षक एक अधिकारी है जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है परन्तु नियंत्रक-महालेखा परीक्षक को महाभियोग के द्वारा ही पद से हटाया जा सकता है। संविधान के अनुच्छेद 148 से लेकर 151 तक में इस सम्बन्ध में प्रावधान दिए गए हैं। CAG का मुख्य कार्य निम्न प्रकार हैं-
1- केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों तथा उनके विधान सभाओं या प्रत्येक संघ क्षेत्र के द्वारा संचित निधि में से किये गए समस्त खर्चों की संपरीक्षा (Audit) कर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करना, ताकि ये देखा जा सके कि जो व्यय किये गए हैं वे विधि मान्य हैं कि नहीं ?
2- राज्य एवं केंद्र की आकस्मिक निधि और लोक लेखाओं से किये गए समस्त व्यय की संपरीक्षा एवं रिपोर्ट तैयार करना।
3- केंद्र तथा राज्य के विभागों द्वारा किये गए सभी व्यापार और विनिर्माण के हानि और लाभ की संपरीक्षा एवं रिपोर्ट तैयार करना।
4- राज्य एवं केंद्र की समस्त आय-व्यय की ऑडिट कर रिपोर्ट प्रस्तुत करना। ऑडिट में ये देखा जाएगा कि राजस्व के निर्धारण, संग्रहरण और आवंटन में में पूरी तरह से क़ानूनी प्रक्रिया अपनाई गई है कि नहीं?
5- राज्य एवं केंद्र के राजस्व से पोषित निकायों, प्राधिकारियों, सरकारी कंपनियों, निगमों एवं निकायों के समस्त व्यय की ऑडिट कर रिपोर्ट प्रस्तुत करना। वर्तमान में CAG के अंतर्गत Indian Audit and Accounts Department, है जिसमें 58000 कर्मचारी पूरे देश में कार्यरत हैं। देश में CAG की अपनी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका हैं। कोयला घोटाले के अलावा और भी कई घोटाले हैं जो CAG के कारण उजागर हुए हैं उनमें 2G स्पैक्ट्रम प्रमुख है। वर्त्तमान भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक विनोद राय हैं। अक्सर देश के सविधान की आलोचना की जाती है परन्तु संविधान की ही यह एक व्यवस्था है जिसके कारण देश में चल रही सरकारी आर्थिक गड़बड़ियों का पकड़ा जा सका है। धन्यवाद। (All informations are based on books end different Links of internet)